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Monday, November 15, 2021

ओळख थोर नेत्यांची

 पंडित जवाहरलाल नेहरू जीवन परिचय


 पूर्ण नाव  जवाहरलाल मोतीलाल नेहरू
 जन्म  14 नोव्हेंबर 1889
 जन्मस्थान  अलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)
 वडिल  मोतीलाल नेहरू
 आई  स्वरूप राणी नेहरू
 पत्नी  कमला नेहरू
 मुलगी  इंदिरा नेहरू ( गांधी )
 बहिणी  विजयालक्ष्मी, कृष्णा
 शिक्षण  नैसर्गिक विज्ञान पदवी (केंब्रिज विद्यापीठ) लॉ पदवी (इनर टेम्पल कॉलेज)
 उपाधी/नावे/संबोधन   चाचा नेहरू, शांतिदूत, आधुनिक भारताचे शिल्पकार
 काँग्रेसचे अध्यक्ष पद 1929 - लाहोर
1936  - लखनौ
1937 - फैजपूर
1951 - दिल्ली
1953 - हैद्राबाद
1954 - कल्याणी
स्वलिखित प्रसिध्द ग्रंथ  आत्मचरित्र, Discovery of India, Letters From a Father to His Daughter
 प्रधानमंत्री कार्यकाळ  15 ऑगस्ट 1947 ते 27 मे 1964
 पुरस्कार  भारतरत्न (1955)
 मृत्यू  27 मे 1964 ( नवीदिल्ली )
 समाधी स्थळ  शांतीवन ( नवी दिल्ली )
पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारताचे पहिले पंतप्रधान, आधुनिक भारताचे शिल्पकार असे ज्यांच्याविषयी आपण गौरवोद्गार काढतो ते पंडित जवाहरलाल नेहरू. भारतीय स्वातंत्र्यलढ्यात ज्या देशभक्तांनी आपले मोलाचे योगदान दिले त्यापैकी एक नेहरू घराणे. पंडित जवाहरलाल नेहरू यांचा जन्म काश्मिरी पंडित घराण्यात अलाहाबाद येथे 14 नोव्हेंबर 1889 रोजी झाला. पंडित जवाहरलाल नेहरू यांचे वडील मोतीलाल नेहरू हे प्रसिद्ध वकील होते. जवाहरलाल नेहरू यांच्या आईचे नाव स्वरूप राणी असे होते. पंडित नेहरुंना दोन बहिणी होत्या विजयालक्ष्मी व कृष्णा हठिसिंग. विजयालक्ष्मी या संयुक्त राष्ट्र महासभेच्या पहिल्या महिला अध्यक्ष होत्या तर कृष्णा हठिसिंग प्रसिद्ध लेखिका होत्या. पंडित जवाहरलाल नेहरू यांचे प्रारंभिक शिक्षण हे घरीच खाजगी शिक्षकांद्वारे झाले. नंतर वयाच्या पंधराव्या वर्षी पुढील शिक्षणासाठी ते इंग्लंडला गेले. हॅरो येथे दोन वर्षे राहून केंब्रिज विद्यापीठात त्यांनी प्रवेश घेतला तेथे त्यांनी नैसर्गिक विज्ञानात पदवी प्राप्त केली. त्यांनी आपले कायद्याचे शिक्षण पूर्ण केले. 1912 ला जवाहरलाल नेहरू भारतात परत आले व येथे त्यांनी वकिली सुरू केली. 7 फेब्रुवारी 1916 त्यांचा विवाह कमला कौर यांच्याशी झाल. 1917 ला त्यांच्या घरी एक कन्यारतन जन्मास आले त्या म्हणजे इंदिरा गांधी. ज्या भारताच्या पहिल्या महिला पंतप्रधान झाल्या. 1916 मध्ये पंडित जवाहरलाल नेहरू यांची महात्मा गांधी यांच्याशी ओळख झाली त्यांच्या विचाराने ते प्रेरित झाले वकिली करण्याऐवजी त्यांनी स्वतःला असहकार चळवळीत झोकून दिले. 1919 मध्ये अलाहाबादच्या होमरूल चळवळीचे अध्यक्ष झाले. पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वातंत्र्यलढ्यात सक्रीय सहभागी होते.1920 मध्ये उत्तर प्रदेशच्या प्रतापगड जिल्ह्यात त्यांनी किसान मोर्चा काढला. 1920 - 22 दरम्यान असहकार चळवळी संदर्भात पंडित जवाहरलाल नेहरू यांना दोनदा तुरुंगवास भोगावा लागला. 1919 च्या लाहोर कॉंग्रेसचे ते अध्यक्ष होते त्यांच्या अध्यक्षतेखाली संपूर्ण स्वराज्याचा ठराव पास झाला. 26 जानेवारी 1930 हा दिवस ' स्वातंत्र्य दिन ' म्हणून साजरा करण्याचे ठरले. त्यानुसार हा दिवस गुढ्या तोरणे उभारून काँग्रेसचा ध्वज फडकावून देशभर साजरा करण्यात आला. 14 फेब्रुवारी 1935 रोजी अल्मोरा तुरुंगात त्यांनी स्वतःचे आत्मचरित्र पूर्ण केले. स्वातंत्र्यलढ्यात पंडित जवाहरलाल नेहरू यांना 9 वेळा तुरुंगात जावे लागले. 7 ऑगस्ट 1942 रोजी अखिल भारतीय काँग्रेस कमिटीच्या मुंबई अधिवेशनात भारत छोडो ही घोषणा त्यांनी केली त्यांना दुसऱ्याच दिवशी अटक करण्यात आली व अहमदनगर येथील तुरुंगात पाठविले नेहरू यांनी तेथे 'डिस्कव्हरी ऑफ इंडिया 'हा ग्रंथ लिहिला. पंडित जवाहरलाल नेहरू यांचे युरोपात झालेले शिक्षण, अनेक देश विदेशांमध्ये त्यांनी केलेला प्रवास, त्यांचे विचार, वैज्ञानिक दृष्टिकोन आणि आकर्षक व्यक्तीमत्व त्यामुळे त्यांना स्वातंत्र्यपूर्वकाळात अमाप लोकप्रियता मिळाली. कॉंग्रेसमधील परराष्ट्र धोरणाची दिशा तेच ठरवू लागले. 1946 मध्ये अस्तित्वात आलेल्या हंगामी सरकारचे नेतृत्व त्यामुळेच त्यांच्याकडे आले. पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारताचे पहिले पंतप्रधान बनले. दुसऱ्या महायुद्धामुळे जग रशिया आणि अमेरिका या दोन गटात विभागले जात होते. नेहरूंनी मार्शल टिटो आणि अब्दुल जमाल नासेर यांच्या सहकार्याने अलिप्त राष्ट्रांचा वेगळा गट तयार केला आणि पंचशील तत्त्वाच्या आधारे जागतिक राजकारणाला योग्य दिशा दिली. पंडित जवाहरलाल नेहरू यांनी अलिप्त वादाचे धोरण स्वीकारले. भारतात पंचवार्षिक योजना सुरू करण्याचे श्रेय पंडित जवाहरलाल नेहरू यांना दिले जाते. 1951 पासून भारतात पंचवार्षिक योजनेचा त्यांनी पाया घातला. पंचवार्षिक योजनेत त्यांनी शेती अवजड उद्योगधंदे यावर भर दिला. डॉ. होमी भाभासारख्या शास्त्रज्ञांना परदेशातून बोलावून त्यांनी अण्वस्त्रविषयक तंत्रज्ञान निर्माण केले. विविध औद्योगिक प्रकल्प भारतात सुरू केले. त्यांनी केलेल्या कार्याचा योग्य गौरव म्हणून पंडित जवाहरलाल नेहरू यांना 1955 मध्ये भारतरत्न या सर्वोच्च पुरस्काराने सन्मानित करण्यात आले. पंडित जवाहरलाल नेहरू यांना त्यांच्या कार्यकाळात पाकिस्तान व चीन या देशांबरोबर संघर्ष करावा लागला 1962 मध्ये चीनने भारतावर हल्ला केला. यात भारताचा पराभव झाला. यामुळे नेहरू यांना दुःख झाले.यातच 27 मे 1964 रोजी दिल्ली येथे त्यांचे दुःखद निधन झाले. पंडित जवाहरलाल नेहरू यांना लहान मुले आणि फुले फार आवडायची.सर्वजण त्यांना प्रेमाने चाचा नेहरू असे म्हणत असत. 1964 पासून आपण त्यांचा 14 नोव्हेंबर हा जन्म दिवस बालदिन म्हणून साजरा करतो. _________________________________________ 

पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, आधुनिक भारत के मूर्तिकार, जिन पर हमें गर्व है, वे पंडित जवाहरलाल नेहरू हैं। नेहरू परिवार उन देशभक्तों में से एक था जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में एक कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ था। पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू एक प्रसिद्ध वकील थे। जवाहरलाल नेहरू की माता का नाम स्वरूप रानी था। पंडित नेहरू की दो बहनें थीं, विजयलक्ष्मी और कृष्णा हाथीसिंह। विजयलक्ष्मी संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष थीं और कृष्णा हाथिसिंग एक प्रसिद्ध लेखिका थीं। पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रारंभिक शिक्षा घर पर निजी शिक्षकों द्वारा की गई थी। इसके बाद वे पंद्रह वर्ष की आयु में आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए। हैरो में दो साल के बाद, उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रवेश किया, जहाँ उन्होंने प्राकृतिक विज्ञान में डिग्री हासिल की। उन्होंने कानून की शिक्षा पूरी की। 1912 में जवाहरलाल नेहरू भारत लौट आए और यहां कानून की प्रैक्टिस करने लगे। उन्होंने 7 फरवरी 1916 को कमला कौर से शादी की। 1917 में, उनके घर इंदिरा गांधी में एक कन्यारत्न का जन्म हुआ। भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री कौन बनी। 1916 में, पंडित जवाहरलाल नेहरू महात्मा गांधी से परिचित हुए, उनके विचारों से प्रेरित थे। 1919 में वे इलाहाबाद में होमरूल आंदोलन के अध्यक्ष बने। पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदार थे।1920 में, उन्होंने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में किसान मोर्चा का आयोजन किया। 1920-22 के दौरान, पंडित जवाहरलाल नेहरू असहयोग के लिए दो बार जेल गए थे। वे 1919 के लाहौर कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उनकी अध्यक्षता में, पूर्ण स्वतंत्रता के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया था। 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया गया। इसी के अनुरूप पूरे देश में इस दिन को गुड़िया तोरण खड़ा कर और कांग्रेस का झंडा लहराकर मनाया गया। उन्होंने 14 फरवरी, 1935 को अल्मोड़ा जेल में अपनी आत्मकथा पूरी की। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पंडित जवाहरलाल नेहरू को 9 बार जेल जाना पड़ा था। 7 अगस्त 1942 को, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुंबई अधिवेशन में, उन्होंने भारत छोड़ने के अपने इरादे की घोषणा की। अगले दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और अहमदनगर जेल भेज दिया गया। यूरोप में पंडित जवाहरलाल नेहरू की शिक्षा, कई देशों और विदेशों में उनकी यात्रा, उनके विचारों, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और आकर्षक व्यक्तित्व ने उन्हें स्वतंत्रता पूर्व काल में बेहद लोकप्रिय बना दिया। यही कांग्रेस में विदेश नीति की दिशा थी। यही कारण है कि 1946 में अस्तित्व में आई कार्यवाहक सरकार का नेतृत्व उन्हें मिला। पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। द्वितीय विश्व युद्ध ने दुनिया को दो समूहों में विभाजित किया: रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका। नेहरू ने मार्शल टीटो और अब्दुल जमाल नासिर के सहयोग से गुटनिरपेक्ष राष्ट्रों का एक अलग समूह बनाया और पंचशील सिद्धांत के आधार पर विश्व राजनीति को सही दिशा दी। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने गुटनिरपेक्षता की नीति अपनाई। भारत में पंचवर्षीय योजना की शुरुआत करने का श्रेय पंडित जवाहरलाल नेहरू को जाता है। उन्होंने 1951 से भारत में पंचवर्षीय योजना की नींव रखी। पंचवर्षीय योजना में उन्होंने भारी कृषि उद्योगों पर जोर दिया। डॉ। उन्होंने होमी भाभा जैसे वैज्ञानिकों को विदेशों से आमंत्रित कर परमाणु हथियारों की तकनीक विकसित की। भारत में विभिन्न औद्योगिक परियोजनाओं की शुरुआत हुई। 1955 में, पंडित जवाहरलाल नेहरू को उनके काम के लिए सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। अपने कार्यकाल के दौरान पंडित जवाहरलाल नेहरू को पाकिस्तान और चीन से संघर्ष करना पड़ा था।1962 में चीन ने भारत पर आक्रमण किया। भारत हार गया। इससे नेहरू को दुख हुआ 27 मई 1964 को दिल्ली में उनका दुखद निधन हो गया। पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों और फूलों से बहुत लगाव था, सभी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे। 1964 से हम उनके 14वें जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मना रहे हैं। _________________________________________ 

Pandit Jawaharlal Nehru The first Prime Minister of independent India, the sculptor of modern India, of whom we are proud, is Pandit Jawaharlal Nehru. The Nehru family was one of the patriots who made significant contributions to the Indian independence struggle. Pandit Jawaharlal Nehru was born on 14 November 1889 in Allahabad to a Kashmiri Pandit family. Motilal Nehru, the father of Pandit Jawaharlal Nehru, was a famous lawyer. Jawaharlal Nehru's mother's name was Swaroop Rani. Pandit Nehru had two sisters, Vijayalakshmi and Krishna Hathisingh. Vijayalakshmi was the first woman president of the United Nations General Assembly and Krishna Hathising was a famous writer. Pandit Jawaharlal Nehru's early education was done by private tutors at home. He then went to England for further studies at the age of fifteen. After two years at Harrow, he entered Cambridge University, where he earned a degree in natural sciences. He completed his law education. javaharlal Nehru returned to India in 1912 and started practicing law here. He married Kamala Kaur on 7 February 1916. In 1917, a Kanyaratan was born in his house, Indira Gandhi. Who became the first woman Prime Minister of India. In 1916, Pandit Jawaharlal Nehru became acquainted with Mahatma Gandhi. He was inspired by his ideas. In 1919 he became the president of the Home Rule movement in Allahabad. Pandit Jawaharlal Nehru was an active participant in the freedom struggle. In 1920, he organized Kisan Morcha in Pratapgad district of Uttar Pradesh. During 1920-22, Pandit Jawaharlal Nehru was twice imprisoned for non-cooperation. He was the President of the Lahore Congress of 1919. Under his presidency, a resolution for complete independence was passed. January 26, 1930 was celebrated as Independence Day. Accordingly, this day was celebrated all over the country by erecting Gudhya pylons and waving the Congress flag. He completed his autobiography in Almora Prison on February 14, 1935. During the freedom struggle, Pandit Jawaharlal Nehru had to go to jail 9 times. On August 7, 1942, at the Mumbai session of the All India Congress Committee, he announced his intention to leave India. He was arrested the next day and sent to the Ahmednagar Jail. Pandit Jawaharlal Nehru's education in Europe, his travels in many countries and abroad, his ideas, scientific approach and attractive personality made him immensely popular in the pre-independence period. That was the direction of foreign policy in the Congress. That is why he got the leadership of the caretaker government that came into existence in 1946. Pandit Jawaharlal Nehru became the first Prime Minister of independent India. World War II divided the world into two groups: Russia and the United States. Nehru, in collaboration with Marshall Tito and Abdul Jamal Nasser, formed a separate group of non-aligned nations and gave the right direction to world politics based on the Panchsheel principle. Pandit Jawaharlal Nehru adopted a policy of non-alignment. Pandit Jawaharlal Nehru is credited with initiating the Five Year Plan in India. He laid the foundation of the Five Year Plan in India from 1951. In the five year plan, he emphasized on heavy agricultural industries. Dr. He developed the technology of nuclear weapons by inviting scientists like Homi Bhabha from abroad. Various industrial projects started in India. In 1955, Pandit Jawaharlal Nehru was awarded the Bharat Ratna, the highest award for his work. During his tenure, Pandit Jawaharlal Nehru had to contend with Pakistan and China. In 1962, China invaded India. India lost. This saddened Nehru. He died tragically on 27 May 1964 in Delhi. Pandit Jawaharlal Nehru loved children and flowers. Everyone affectionately called him Uncle Nehru. Since 1964 we have been celebrating his 14th birthday as Children's Day.

1 comment:

  1. खूप महत्वाची माहिती खूप छान🙏

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